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Showing posts from October, 2017

shikshan vidhiyam 3

खेल विधि खेल विधि -- 1. खेल पद्धति के प्रवर्तक हैनरी काल्डवैल कुक हैं । उन्होंने अपनी पुस्तक प्ले वे में इसकी उपयुक्तता अंग्रेजी शिक्षण हेतु बतायी हैं । 2. सबसे पहले महान शिक्षाशास्त्री फ्रोबेल ने खेल के महत्व को स्वीकार करके शिक्षा को पूर्ण रूप से खेल केन्द्रित बनाने का प्रयत्न किया था । 3. फ्रोबेल ने इस बात पर जोर दिया कि विधार्थियों को संपूर्ण ज्ञान खेल - खेल में दिया जाना चाहिए । खेल में बालक की स्वाभाविक रूचि होती हैं । 4. गणित की शिक्षा देने के लिए खेल विधि का सबसे अच्छा उपयोग इंग्लैंड के शिक्षक हैनरी काल्डवैल कुक ने किया था । खेल विधि के गुण -- 1. मनोवैज्ञानिक विधि - खेल में बच्चें की स्वाभाविक रूचि होती है और वह खेल आत्मप्रेरणा से खेलता है । अतः इस विधि से पढ़ाई को बोझ नहीं समझता । 2. सर्वांगीण विकास -- खेल में गणित संबंधी गणनाओं और नियमों का पूर्ण विकास होता है । इसके साथ साथ मानवीय मूल्यों का विकास भी होता हैं । 3. क्रियाशीलता - यह विधि करो और सीखो के सिद्धांत पर आधारित है । 4. सामाजिक दृष्टिकोण का विकास - इस विधि में पारस्परिक सहयोग से काम करने के कारण सामाजिकता...

sahkari aur sahyogi shikshan

सहकारी और सहयोगी सीखने क्या हैं ? सहयोगात्मक शिक्षा शिक्षण और सीखने की एक विधि है जिसमें छात्र एक साथ एक महत्वपूर्ण प्रश्न तलाशने या एक सार्थक परियोजना बनाने के लिए मिलते हैं।   एक साझा व्याख्यान में इंटरनेट पर एक साथ मिलकर विभिन्न विद्यालयों के एक व्याख्यान या छात्रों पर चर्चा करते हुए छात्रों के एक समूह सहयोगात्मक शिक्षा के दोनों उदाहरण हैं। सहकारी शिक्षा , जो इस कार्यशाला का मुख्य केंद्र होगा , एक विशिष्ट प्रकार का सहयोगी शिक्षा है।   सहकारी शिक्षा में , छात्रों को एक संरचित गतिविधि पर छोटे समूहों में एक साथ काम करते हैं।   वे अपने काम के लिए अलग-अलग जवाबदेह हैं , और पूरे समूह के काम का मूल्यांकन भी किया जाता है।   सहकारी समूह एक-दूसरे के साथ-साथ काम करते हैं और एक टीम के रूप में काम करना सीखते हैं। छोटे समूहों में , छात्र ताकत साझा कर सकते हैं और अपने कमजोर कौशल भी विकसित कर सकते हैं।   वे अपने पारस्परिक कौशल विकसित करते है...

sikshan vidhiyam 2

टोली समूह शिक्षण ( Group teaching) :-    समूह शिक्षा या टोली शिक्षण , शिक्षण की एक सुव्यवस्थित प्रणाली है जिसमें कई शिक्षक मिलकर विद्यार्थियों के एक समूह को अनुदेशन प्रदान करते हैं और एक साथ मिलकर किसी विशिष्ट प्रकरण के लिए शिक्षक का उत्तरदायित्व लेते हैं | इसमें दो या दो से अधिक शिक्षक भाग लेते हैं | इसमें शिक्षण विधियों की योजना , समय तथा प्रक्रिया लचीली रखी जाती है ताकि शिक्षण उद्देश्य के अनुसार तथा शिक्षकों की योग्यता के अनुसार समूह शिक्षण के कार्यक्रम में आवश्यक शिक्षित परिवर्तन लाए जा सके |   परिचर्चा विधि Discussion Method) :-   इस विधि में छात्र और अध्यापक आपस में किसी विषय पर चर्चा करते हैं | इस विधि के द्वारा सभी अपने अपने विचार रखते हैं | कई बार छात्र किसी विषय को लेकर विभेद भी करता है | इस विधि के द्वारा बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है क्योंकि सभी छात्र अपने अपने विचार प्रस्तुत करते हैं | व्याख्यान विधि ( Lecture/Descriptive method) :-    इस विधि में अध्यापक एक पाठ को तैयार करके आता है और किसी विषय के विविध पक्षों को विद्यार्थियों के सम्...